विनोद कुमार महोबिया की सर्प एवं मानव कल्याण की संस्था के जरिए सर्प एवं मानव कल्याण के अभियान में भारत के सबसे खतरनाक विषैले साँपो की दुलभ प्रजाति के तीन साँप का रेस्क्यू किया जिनका नाम करैत,रसैल वाईपर,कोबरा है।
कोटा की खबरे जानने के लिए जॉइन करे Whats app Group: CLICK HERE.
इसके अलावा कोटा व कोटा के आसपास के इलाको में कई साँप को संस्था के रेस्क्यूर के जरिये रेस्क्यू किया। करैत साँप भारत का सबसे विषैला साँप है जो कि रात्रिचर होता है जो कि रात को ही शिकार पर निकलता है। इसके काटे जाने की दुर्घटना ज्यादातर रात में ही होती है। व्यक्ति जब सुबह उठ नही पाता तथा आँखे नही खोल पाता या बेहोश रहता है तो हो सकता है करैत ने ही काटा हो ऐसी दुर्घटनाए अक्सर आती रहती है। समय पे इलाज न करवाने पर मौत निश्चित है।
रसैल वाईपर भी भारतीय 4 खतरनाक साँपो की सूची में शामिल है जो कि काटने से पहले या किसी के पास आने से पहले चेतावनी की रूप में अक्सर कुकर की सिटी की तरह आवाज निकालता है। अन्य विषैले साँपो में इसके विषदंत दुसरो से अधिक बड़े होते है। जिससे यह अपने शिकार को भहोत जोर से काट सकता है। इसके काटने से रक्त परिसंचरण पर प्रभाव पड़ता है और ये खून को दही की तरह जमा देता है। जिससे शरीर पर खून जैसे बड़े बड़े धब्बे बन जाते है। इलाज न करवाने पर मौत निश्चित होती है।
कोबरा साँप प्राचीन काल से ही खतरनाक माना जाता है तथा इसे धर्म से भी जोड़ा जाता है। भारत में अधिकतर सर्पदंश की दुर्घटना इसी साँप की होती है क्योंकि ये लगभग सभी जगज पाया जाता है दिन व रात दोनों में शिकार करता है। इसके काटे जाने की दुर्घटना अधिकतर रात में इस पर पैर रखने की वजह से होती है तथा इसके काटने से तेज दर्द व तंत्रिका तंत्र काम करना बंद कर देता है जिससे व्यक्ति का इलाज न होने पर मौत हो जाती है।
संस्था के रेस्क्यूर का कहना है कि बारिश के मौसम में सभी लोग सजग व जागरूक रहे इन विषैले जीवो से अपना जीवन बचाये सर्प दंश होने पर जल्दी से जल्दी मरीज को हॉस्पिटल लेकर जाए। किसी झाड़ फुक व तंत्र मंत्र के चक्कर में अपनी जान न गवाये । संस्था के रेस्क्यूर इस जनहित व जीवहित के इस कार्य को करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका रहे है। वर्ष 2019 विनोद महोबिया सर्प एवं मानव कल्यांण समिति द्वारा 644 सांपों का रेस्क्यू किया व वर्ष 2020 में 1 जनवरी से अभी तक 341 सांपों को रेस्क्यू किया गया है। एवं उन्हें वन विभाग के रेंजर संजय नागर के बताऐ अनुसार रिहायशी मकानों प्रतिश्ठानों से पकडकर सुरक्षित वन क्षेत्र में छोडा गया।
रेस्क्यूर विष्णु श्रंगी राकेश सेन रॉकी डेनियल जावेद हुसैन महिपाल सिंह राजीव पांडेय अनिल सैनी शाहनवाज शेख आसिम हुसैन सभी वन्य जीवों को संस्था के रेस्क्यूर के जरिये सुरक्षित लाडपुरा रेंज के रेंजर संजय नागर के बताए अनुसार जीवित व सुरक्षित वन्य क्षेत्रो में छोडा गया।
- एक ही दिन में किया इन सांपो के रेस्क्यू
1 करैत साँप
1 रसेल वाईपर
1 बैंडेड कूकरी
2 सैंड बोआ (मिट्टी में रहने वाला साँप)
2 गोयरे
6 किलबेक (पानी वाला साँप )
11 धामन प्रजाति के साँप
11 कोबरा प्रजाति के साँप सामिल है।
0 Comments