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कोटा में कोरोना का कहर, संदिग्ध मौतों की हो रही है जांच, संभागीय आयुक्त कार्यालय में भी लगाया गया शिविर

Kotatimes

Updated 4 years ago

KOTATIMES AUGUST 23, 2020। कोटा में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बड़ी संख्या में कोरोना के नए मरीज सामने आ रहे हैं तो वही युद्ध स्तर पर कोरोना जांच अभियान चलाया जा रहा है। संदिग्ध मौतों की जांच भी की जा रही है। शहर के दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में रविवार को एक बुजुर्ग महिला व एक व्यक्ति की एमबीएस अस्पताल में मौत होने पर डॉक्टरों ने दोनों की मौत को संदिग्ध मानते हुए शव को कोविड-19 के लिए न्यू मेडिकल कॉलेज भिजवाया। कोविड की रिपोर्ट आने के बाद ही शव परिजनों को सौंपा जाएगा।

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जानकारी के अनुसार रेलवे कॉलोनी थाना क्षेत्र के महावीर कॉलोनी निवासी अजय कुमार (38) पुत्र रामप्रसाद महावर सुबह बाइक लेकर घर पर पहुचा था। बाइक खड़ी करते समय युवक को अचानक चक्कर आने से गिर गया। परिजनों को पता चलने पर वह उसे लेकर एमबीएस अस्पताल पहुचे। जहां ड्यूटी डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने युवक की मौत को संदिग्ध मानते हुए शव को कोविड-19 के लिए न्यू मेडिकल कॉलेज भिजवाया है। पीड़ित परिजनों का कहना है कि युवक को पहले कोई बीमारी नहीं थी। सुबह बाइक खड़ी करते समय अचानक चक्कर आकर गिरने से परिजन से अस्पताल लेकर पहुंचे थे। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर शव को कोविड-19 के लिए भेज दिया। कोविड जांच के नाम पर परिजनों को परेशान किया जा रहा है जबकि यह सामान्य मौत है।

संदिग्ध महिला की मौत के बाद शव को कोरोनावायरस के लिए भिजवाया:-

एमबीएस अस्पताल में भर्ती लंबे समय से बीमार बुजुर्ग महिला की देर रात को मौत होने पर रविवार सुबह मृतक महिला के शव को कोविड-19 के लिए न्यू मेडिकल कॉलेज भिजवाया गया।जानकारी के अनुसार कैथून थाना क्षेत्र के भाटापाड़ा वार्ड संख्या 16 निवासी शांति बाई (65) पत्नी ज्ञानचंद जागा लंबे समय से बीमारी से पीड़ित थी। जिसकी तबीयत अधिक खराब होने पर परिजन 22 अगस्त को एमबीएस अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उसका उपचार चल रहा था। रविवार देर रात्रि बुजुर्ग महिला ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने महिला को संदिग्ध मानते हुए उसकी कोविड-19 लिए शव को न्यू मेडिकल कॉलेज में भिजवाया है।

सीएडी में 153 कार्मिकों ने कराई कोरोना जांच:-संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा के निर्देश पर रविवार को सीएडी कार्यालय के 153 अधिकारियों एवं कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट कराया गया। संभागीय आयुक्त ने बताया कि कोरोना जांच के प्रति आमजन में बने भय को मिटाने तथा कार्यालय में संक्रमण की संभावना से कार्मिको को निश्चिंत करने के लिए शिविर लगाया गया। इस अवसर पर नगर निगम की टीम द्वारा सम्पूर्ण परिसर में सेनेटाइजेशन का कार्य भी किया गया।

 


 

सीएडी में 153 कार्मिकों ने कराई कोरोना जांच

संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा के निर्देश पर रविवार को सीएडी कार्यालय के 153 अधिकारियों एवं कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट कराया गया।

संभागीय आयुक्त ने बताया कि कोरोना जांच के प्रति आमजन में बने भय को मिटाने तथा कार्यालय में संक्रमण की संभावना से कार्मिको को निश्चिंत करने के लिए शिविर लगाया गया। इस अवसर पर नगर निगम की टीम द्वारा सम्पूर्ण परिसर में सेनेटाइजेशन का कार्य भी किया गया।


रविवार को 111 नए कोरोना पॉजिटिव आए

जिले में रविवार को कोरोना पॉजिटिव के 111 नए केस सामने आए हैं। यह जानकारी प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज डॉ. विजय सरदाना ने दी।

विभिन्न थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू की निषेधाज्ञा लागू

कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट उज्ज्वल राठौड़ ने आदेश जारी कर विभिन्न थाना क्षेत्रों में जीरो मोबेलिटी क्षेत्र घोषित कर दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत कर्फ्यू की निषेधाज्ञा जारी की है।

विभिन्न थाना क्षेत्र के चिन्हित क्षेत्रों से कर्फ्यू हटाया

जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट उज्ज्वल राठौड़ ने संबंधित अधिकारियों की रिपोर्ट एवं अनुशंसा के आधार पर विभिन्न थाना क्षेत्र के चिन्हित क्षेत्रों से जीरो मोबिलिटी क्षेत्र एवं कर्फ्यू की निषेधाज्ञा को 22 अगस्त से प्रत्याहरित किया है।

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कोरोना संक्रमण का शिकार डॉक्टर दंपत्ति ने बताई पीड़ा
 
वल्लभ बाड़ी निवासी डॉ० समीर व डॉ० सपना मेहता 14 दिन पहले कोरोना पोज़िटिव पाए गए थे। दोनो के मामूली खांसी बुख़ार आया था और होम  क्वारंटाइन चालू कर दिया। डॉ० सपना ने बताया की कोरोना से तो लड़ना आसान था लेकिन असली समस्या हुई कोरोना टेस्ट पोज़िटिव खबर सोशल मीडिया पर वाइरल होने के बाद बैरिकेड लगा दिए। बीमारी से जुड़े सामाजिक कलंक के फलस्वरूप घर पर काम करने वाली सारी बाइयों ने आना बंद कर दिया। कचरा वाला कचरा उठाने से कतराने लगा। डॉ० समीर ने बताया की सभी लोगों का एक ही प्रश्न होता कि आप इतना ध्यान रखते थे तो फिर कैसे संक्रमण हो गया? इसका जवाब उन्होंने दिया कि एक डाक्टर दिन भर में 40-50 नये लोगों व मरीज़ों के सम्पर्क में आता है। बहुत सारे लोग पुराने मास्क का प्रयोग करते है और उसको भी नाक के नीचे सरका देते है। कुछ तो पतला स्कार्फ़ लपेट लेते है। जनता की इन्हीं लापरवाही के चलते डाक्टर संक्रमित हो जाते है। कोरोना वारियर का ध्यान रखना समाज का दायित्व होता है। जो चिकित्सक दिन रात मरीज़ों की सेवा में अपनी जान जोखिम में डालते है अगर वह संक्रमित हो जाए तो समाजिक कलंक से ऊपर उठ कर सबको एक दूसरे की मदद करनी चाहिए । कोरोना से लडने के लिए फेफड़ों को प्राणायाम व योग से मज़बूत बनाना चाहिए। सकारात्मक सोच रखनी चाहिए व अच्छा खान पान फल आदि का नियमित सेवन करना चाहिए।  नकारात्मक विचारो को हावी नही होने देना और दवाइयों के साथ धार्मिक पाठ ,भक्तम्बर सुदर्शन क्रिया आदि इस बीमारी से बाहर निकालने में बहुत लाभदायक होती है।

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