KOTATIMES SEPTEMBER 16,2020। निमोला पंचायत के गोठडा गांव के पास चाण्दा घाट बुधवार सुबह एक नाव चम्बल नदी में डूब गई। नाव में 14 मोटरसाइकिलों के अलावा करीब 32 यात्री सवार थे। इस हादसे में बच्चों व महिलाओं सहित 13 यात्रियों की मौत हो गई। नाव में महिलाएं और बच्चे भी सवार थे।
नाव घाट से रवाना होकर लगभग 70 फीट दूर ही गई थी कि अचानक पीछे से नाव एक तरफ झुकती हुई धीरे -धीरे पानी में डूबती चली गई। नाव को डूबता देखकर इसमें सवार लोग चम्बल नदी में कूद गए थे, इसके बाद नाव भी पानी में डूब गई । जो लोग तैरना जानते थे, वह तैरकर नदी से बाहर आ गए हैं। अभी तक यह पता नहीं चला कि कितने लोग नदी में डूबे हुए हैं। लोगों की तलाश युद्ध स्तर पर जारी है।
सूचना मिलने पर आसपास के ग्रामीण बडी संख्या में मौके पर पहुंचे और अपने स्तर पर ही बचाव कार्य में जुट गए। बाद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी सहित एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई। इसके बाद नदी में से शव निकालने का कार्य शुरू हो सका। जानकारी के अनुसार चतुर्दशी के अवसर पर आसपास के ग्रामीण बूंदी जिले में स्थित कमलेश्वर महादेव जी के दर्शनार्थ सुबह चाण्दा घाट से नदी पार करने के लिए नाव में सवार हुए थे। नाव में करीब 14 मोटरसाइकिल के आलावा बच्चों व महिलाओं सहित करीब 32 यात्री सवार थे। नाव घाट से रवाना होकर लगभग 70 फीट दूर ही गई थी कि अचानक पीछे से नाव एक तरफ झुकती हुई धीरे -धीरे पानी में डूबती चली गई। अचानक नाव को पानी में डूबते देख यात्रियों में चीख -पुकार मच गई। मौत को सामने खडी देख कई यात्री नाव से कूद गए। इस दौरान जो लोग तेरना जानते थे, वे जैसे-तैसे कर किनारे पर पहुंच गए, लेकिन जो तेरना नहीं जानते थे, वे पानी में डूब गए। हालांकि किनारे पर मौजूद कुछ युवाओं ने नदी में रस्सा डालकर पानी में डूब रही कुछ जिंदगियों को बचा लिया। हादसे की सूचना मिलते ही पास ही स्थित गोठडा गांव के ग्रामीण नदी की तरफ दौड पडे। ग्रामीणों ने मौके पहुंचकर दूसरी नाव की मदद नदी में अपनी जान बचाने के जद्दोजद कर रहे यात्रियों को बाहर निकाला। इस दौरान मौके पर काफी भीड जमा हो गई। इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया यह हादसा नाव में क्षमता से अधिक भार होने के कारण हुआ है। पुलिस ने बताया कि नाव में 32 यात्रियों के अलावा 14 मोटरसाइकिलें थी। इसके चलते अत्यधिक वजन नाव में पानी का रिसाव होने से एक तरफ से नाव झुकती हुई पानी में डूब गई।
घटना के दौरान नाव में सवार सोनू व गोविंद ने बताया कि उनके साथ नाव में उनकी पत्नीयां भी सवार थी। जैसे ही नाव डूबने लगी तो बच्चे व महिलाएं चीख उठी। कुछ ही देर में नाव में सवार सभी लोग पानी से घिर गए। उन्होंने सबसे पहले बच्चे व महिलाओं को बचाने के प्रयास किए। इस प्रयास में एक बार तो वे खुद भी पानी में बह गए, लेकिन जैसे-तैसे कर तेज बहाव से निकल आए। उन्होंने पहले अन्य महिलाओं को निकाला,इसके बाद अपनी पत्नीयों को किनारे पर लेकर आए। नाव में सवार गोविंद ने बताया कि वे करीब 20 फिट दूर गए थे। इस दौरान हिलोरे से नाव में पानी भरने लगा। इस बीच वे चारों नाव से नदी में कूद गए और नाव को उंचा करने का प्रयास किया। इस बीच नाव में सवार यात्री पीछे की ओर एकत्रित हो गए। जिससे एक तरफ अधिक वजन बढने से नाव पीछे की तरफ झुकती चली गई। जिससे उसमें पानी भरने से नाव डूब गई।
सुरक्षा से होता है खिलवाड़:- क्षेत्र के कई गांवों से पास से बह रही चंबल नदी के दूसरी तरफ बूंदी व सवाई माधोपुर आवागमन के लिए क्षेत्र के लोग नाव का सहारा लेते है। हालांकि चंबल नदी पर झरेल के बालाजी व गेंता माखिदा में पुलिया बनी हुई है, लेकिन शोर्टकर्ट के चक्कर में लोग नाव का सहारा लेना ज्यादा उचित समझते है। क्षेत्र में गोठडा, ढीपरी, निमोला व बागली घाट पर प्रशासन की अनदेखी के चलते यात्रियों की सुरक्षा को दरकिनार कर नावों का संचालन किया जाता है। नाव में सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए न तो कोई लाइफ जैकेट होती है और न ही ट्यूब।
चतुर्दशी व अमावस्या को बडी संख्या में क्षेत्र से लोग कमलेश्वर महादेव मंदिर में दर्शनों के लिए चंबल नदी को पार कर क्वांलजी जाते है। ऐसे में ढीपरी, गोठडा, निमोला व बागली घाट से संचालित होने वाली नावों में यात्रियों की काफी भीड रहती है। यात्री अपने साथ दुपहिया वाहनों को भी नाव में रखकर नदी को पार करते है। ऐसे में सुरक्षा उपकरणों के अभाव में नाव के सफर के दौरान हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है। हादसे की सूचना मिलने पर कोटा, बूंदी व सवाई माधोपुर जिले से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी सहित तीनों जिलों से करीब 25 एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंची। तीनों जिलों का प्रशासनिक अमला नदी के दोनों छोर पर जुटने से रेस्क्यू ऑपरेशन को आसानी से अंजाम दिया जा सका।
इस दुखान्तिका मैं आरामपुरा निवासी सीयाराम पुत्र नारायण लाल गुर्जर उम्र 55 वर्ष, तालाब गांव निवासी गण दिनेश पुत्र शंकर लाल राठौर उम्र 40 वर्ष, कुमारी राधिका पुत्री दिनेश राठौर उम्र 10 वर्ष, मधुसुदन पुत्र बद्रीलाल धाकड़ उम्र 22 वर्ष, छपरा निवासी लोटन्ती पत्नी राधेश्याम मीणा उम्र 22 वर्ष, बरनाली निवासी गण उमाबाई पत्नी मंशाराम कुशवाह उम्र 28 वर्ष, मंशाराम पुत्र रघुनाथ कुशवाह उम्र 28 वर्ष, प्रेमबाई पत्नी रामरतन गुर्जर उम्र 45 वर्ष, उर्मिला पत्नी कैलाश कुशवाह उम्र 30 वर्ष, कैलाश पुत्र रघुनाथ कुशवाह उम्र 35 वर्ष तथा हेमराज पुत्र कृष्ण मुरारी उम्र 40 वर्ष के शव नदी से निकाले जा चुके है। देर साँय तक बरनाली निवासी ज्योति पुत्री ओमप्रकाश गुर्जर, इंदरगढ़ के पापड़ा निवासी गोलमा उर्फ अलका पुत्री सत्यनारायण के शवों की तलाश की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने चम्बल नदी में नाव हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया, मृतक आश्रितों को एक-एक लाख रुपये की त्वरित सहायता जारी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिले के इटावा उपखण्ड में खातौली के समीप चम्बल नदी में नाव पलटने की घटना को दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए हादसे में मृतकों के शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। घटना की सूचना मिलते ही उन्होंने जिला प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए तथा मृतक आश्रितों को नियमानुसार त्वरित सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
नाव दुखान्तिका को दुखद बताते हुए स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की तथा अधिकारियों से चर्चा कर कोटा से एसडीआरएफ का दल भेजने एवं घायलों को उपचार के लिए विशेष इंतजाम करने के निर्देश दिए।
प्रत्येक मृतक आश्रित को 1-1 लाख की सहायता-
जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़ ने बताया कि चम्बल नदी नाव दुखान्तिका के मृतक आश्रितों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से एक-एक लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान की जायेगी। उन्होंने राज्य सरकार के निर्देश पर त्वरित रूप से एक-एक लाख रूपये की सहायता राशि के चैक उपखण्ड प्रशासन के माध्यम से मृतक आश्रितों को प्रदान किये।
जनप्रतिनिधी व अधिकारी पहुंचे मौके पर-
इटावा खण्ड के खातौली कस्बे के पास ग्राम गोठड़ा कलां के समीप चम्बल नदी में नाव पलटने की घटना की जानकारी मिलते ही संभागीय आयुक्त कैलाश चन्द मीणा, जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शरद चौधरी मौके पर पहुंचे तथा बचाव एवं राहत कार्य की निरंतर मॉनिटरिंग की। क्षेत्रीय विधायक रामनारायण मीणा ने मौके पहुंचकर मृतक परिजनो को सांत्वना देते हुए घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उपखण्ड प्रशासन एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों ने घटना पर खेद जताते हुए बचाव एवं राहत कार्य को निरंतर जारी रखा।
जिले में सभी स्थानों पर होगी नावों की जांच
जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़ ने जिले में नदियों में आवागमन के लिए संचालित की जा रही सभी नावों की जांच करने के निर्देश दिए है। उन्होंने सुरक्षा मापदंडों को देखते हुए उपखण्ड अधिकारी, उपाधीक्षक पुलिस, विकास अधिकारियों एवं क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को जांच कर सुरक्षा मापदण्ड की पालना कराने तथा लापरवाही पाए जाने पर सम्बंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।
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December 4, 2017 at 3:12 pm
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