पालनहार योजना एक ऐसी योजना है जिसमें अनाथ ,बेसहारा ,निराश्रित एवं विधवा ,परित्यक्ता,दिव्यांग माता - पिता के बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था स्वयं के परिवार ,निकटतम रिश्तेदार,परिचित व्यक्ति के परिवार द्वारा की जाती है।
राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग प्रदान कर पालनहार बनाकार बच्चों को पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्य आवश्यक सुविधाए उपलब्ध कराना है।
राज्य सरकार द्वारा संचालित यह योजना सम्पूर्ण भारत वर्ष में अनूठी योजना है। पालनहार योजनान्तर्गत ऐसे अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि के लिये पालनहार को अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।
पालनहार योजना की पात्रता
- पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिये।
- ऐसे अनाथ बच्चों का 6 वर्ष की आयु तक आंगनबाडी में पंजीयन हो तथा 06 वर्ष से अधिक आयु में स्कूल भेजना अनिवार्य है।
- पालनहार योजना की पात्रता में ऐसे बालक,बालिका जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी हो अथवा उनको न्यायिक आदेशों के तहत मृत्यु दण्ड या आजीवन कारावास की सजा हो चुकी हो अथवा माता पिता दोनों में से एक की मृत्यु हो चुकी हो व दूसरे को मृत्यु दण्ड या आजीवन कारावास की सजा हो चुकी हो।
- जिसके पिता की मृत्यु हो चुकी हो व विधवा माता निराश्रित पेंशन हेतु पात्रता रखती हो या पेन्शन ले रही हो।
- विधिवत पुनर्विवाह करने वाली विधवा माता की संतान हो। कुष्ठ रोग,एड्स पीड़ित माता-पिता की संतान हो।
- विशेष योग्यजन पेंशन हेतु पात्र माता-पिता के बच्चे हो निराश्रित पेंशन हेतु पात्र तलाकशुदा या परित्यक्ता महिला के बच्चे हो सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित माता-पिता के बच्चे शामिल होते हैं।
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राजस्थान पालनहार योजना के लिए राशि
- प्रत्येक बच्चे हेतु पालनहार परिवार को 06 वर्ष की आयु तक 500 रूपये प्रतिमाह की दर से तथा स्कूल में प्रवेशित होने के बाद 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक 1000 रूपये प्रतिमाह प्रति की दर से अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।
- इसके अतिरिक्त वस्त्र, जूते, स्वेटर एवं आवश्यक कार्य हेतु 2000 रूपये प्रति वर्ष (विधवा एवं नाता की श्रेणी को छोडकर) प्रति बच्चें की दर से वार्षिक अनुदान भी उपलब्ध कराया जाता है।
राज्य सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से वंचित रहे बच्चों को लाभ दिलाने हेतु कनवास एसडीएम राजेश डागा ने पालनहार योजना का अभियान रूप में सर्वे करने व पात्र बच्चों को सम्मिलित करने हेतु सभी नोडल अधिकारियों का एक वाट्स अप ग्रुप बनाया और उस ग्रुप में पालनहार योजना के संबंध में विस्तृत एवं अद्यतन जानकारी, पात्रता की शर्तें, इत्यादि की जानकारी दी। सभी नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि उनके अधीनस्थ सभी विद्यालयों में अध्धयनरत, आंगनबाडियों में पंजीकृत सभी बच्चें को पालनहार योजना की पात्रता के मानदंडों की कसौटी पर परखा जाए और जो भी पात्रता की शर्तें पूरी करते हैं उन्हें पहले चिन्हित किया जावे।
कनवास एसडीएम राजेश डागा ने बताया कि राज्य सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का ग्रामीणों को जानकारी के अभाव में उक्त योजना से वंचित थे, लेकिन गत सप्ताह सामाचार पत्रों के माध्यम से व प्रधानाचार्यो को निर्देशित कर ग्रामीणों को उक्त योजना के बारे मे जानकारी दी गयी व जिसके तहत अब तक 201 नये बच्चों को पालनहार योजना में आवेदन करने हेतु पात्र के रूप में चिह्नित किया है।पात्र पाये गये छात्रों के दस्तावेज इकट्ठा कर पालनहार योजना में सम्मिलित करने हेतु ऑनलाईन आवेदन कराये जायेंगे।कनवास उपखंड में अभी 106 बच्चों के पालनहारों को ही पालनहार योजना का लाभ मिल रहा है। सभी सरपंचों, वार्ड पंचों, शिक्षकों, ग्राम विकास अधिकारियों, पटवारियों, चिकित्सकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं,ई मित्र संचालकों एवं समाज कल्याण विभाग को इस अभियान में जोड़ कर पालनहार योजना के पात्र विद्यार्थियों के पालनहारों के चिन्हीकरण, उनके दस्तावेजों की पूर्ति, उनके आवेदन आनलाइन करवाने के कार्य को अभियान रूप में करवाया जाएगा।