KOTATIMES OCTOBER 03, 2020। राजस्थान के कोटा में कोविड-19 इलाज के लिए अधिकृत एक निजी अस्पताल द्वारा मेडिकल कॉलेज अस्पताल से रेफर किये मरीज से दवा व जांच के नाम पर पैसा मांगने का मामला सामने आया है। अस्पताल द्वारा दवा व जांच के नाम पर पैसा मांगने पर परिजनों ने हंगामा कर दिया।
हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। पीड़ित ने मामले की शिकायत सीएमएचओ को की. जब इस बारे में कोटा हार्ट अस्पताल में नोडल अधिकारी डॉ. चेतन शारदा से जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना आप अस्पताल प्रबंधन ही जानकारी ले।
हमने अस्पताल प्रबंधन से सम्पर्क किया लेकिन उनका पक्ष नहीं मिला।
ये है मामला
दरअसल महावीर नगर निवासी 73 वर्षीय बुजुर्ग बद्री लाल शर्मा 24 सिंतम्बर को जांच में पॉजिटिव आये थे। जिन्हें इलाज के लिए कोविड अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उसी दिन बद्रीलाल को कोविड अस्पताल से कोटा हार्ट (अधिकृत एक निजी अस्पताल) में रेफर किया गया। 30 सिंतम्बर को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। बद्री लाल शर्मा के पुत्र एडवोकेट गजेंद्र शर्मा ने बताया कि 2 अक्टूबर उन्हें सांस में तकलीफ की शिकायत हुई। उनकी तबियत बिगड़ने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल (कोविड डेडिकेडेट) लेकर पहुंचे। वहां से फिर उन्हें कोटा हार्ट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। कोटा हार्ट अस्पताल प्रशासन ने उनकी दवा व जाच के नाम पर पैसों की मांग की तो हंगामा हो गया।
इनका कहना
पीड़ित गजेंद्र शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार ने कोविड -19 के तहत अधिकृत निजी अस्पताल में निशुल्क सुविधा उपलब्ध करवा रखी है. उसके बावजूद निजी अस्पताल कोरोना की आड़ में मरीजो से मनमाना पैसा वसूल रहे हैं. कोटा हार्ट अस्पताल प्रशासन ने बिना जांच के ही मेरे पिताजी को पहले डिस्चार्ज कर दिया. 1 दिन बाद वापस अस्पताल में भर्ती करवाया तो दवा व जांच का पैसा मांगा. इसकी शिकायत सीएमएचओ को दी है ।