
महाविद्यालयों में होगा ऑनलाइन शिक्षण प्रबंधन-आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा, राजस्थान की ओर से महाविद्यालयों को निर्देश जारी
Kotatimes
Updated 4 years ago

KOTATIMES December 25, 2020। । कोरोना काल में विद्यार्थियों की पढाई प्रभावित नहीं हो इसके लिए महाविद्यालय में पद स्थापित सभी शिक्षक अपने-अपने विषय के ई- कंटेंट तैयार कर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम उपलब्ध कराये जायेगें। इसकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग महाविद्यालय एवं आयुक्तालय के अकादमिक प्रकोष्ठ के द्वारा की जा रही है।
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प्रधानाचार्य डॉ. जयंत विजयवर्गीय ने बताया कि राजकीय महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों की शिक्षण व्यवस्था को सुदृढ बनाने और शिक्षक अभाव के कारण अध्ययन बाधित ना हो इस बात को ध्यान में रखते हुए आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा द्वारा सभी राजकीय महाविद्यालयों को निर्देश जारी किए गए हैं कि अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए शिक्षण व्यवस्था चाक चौबन्द करना सुनिश्चित करें ।
उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान ना हो और उन्हें वर्चुअल माध्यम से विषय ज्ञान, मार्गदर्शन एवं समस्या निवारण की सुविधा प्राप्त हो सके। कोविड-19 से सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था करवाई जायेगी। इसके तहत शिक्षकों के द्वारा ही व्याख्यान रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से विद्यार्थियों को शेयर किए जायेगें। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में पद स्थापित सभी शिक्षक अपने-अपने विषय के ई-कंटेंट तैयार कर रहे हैं और इसकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग महाविद्यालय एवं आयुक्तालय के अकादमिक प्रकोष्ठ के द्वारा की जा रही
कोटा 25 दिसम्बर। राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत संकाय सदस्यों को उनके संबंधित विषयों में अद्यतन ज्ञान संवर्द्धन, शोध अभिवृत्ति प्रोत्साहन, कक्षा अध्यापन कौशल विकास एवं नवाचार परक शिक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए कॉलेज शिक्षा विभाग द्वारा ज्ञान गंगा कार्यक्रम आरंभ किया गया है।
आयुक्त कॉलेज शिक्षा संदेश नायक ने जानकारी दी कि नई शिक्षा नीति 2020 में दिये गये निर्देशों के अनुसार विभागीय स्तर पर शिक्षा में गुणवत्ता सुधार, शिक्षक गुणवत्ता संवर्द्धन एवं प्रभावी शिक्षण व्यवस्था के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें से ज्ञान गंगा एक उपागम है। उन्होंने बताया कि इस ज्ञान गंगा कार्यक्रम अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमो का अब तक का प्रदर्शन काफी प्रभावी एवं सकारात्मक फीडबैक रहा है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम शिक्षक की मांग भी बन गया है इसलिए इसे बड़े स्तर पर आरंभ करवाया जा रहा है। ज्ञान गंगा कार्यक्रम में प्रत्येक विषय के अंतर्गत 6 दिन के शार्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाए जाएंगे। जिसमें राज्य के महाविद्यालयों के श्रेष्ठ शिक्षकों, विश्वविद्यालय से आमंत्रित संकाय सदस्यों एवं राज्य के बाहर के श्रेष्ठ शोधपरक अभिवृत्ति वाले शिक्षाविदों को रिसोर्स पर्सन के रूप में आमंत्रित किया जाएगा । यह कार्यक्रम शिक्षकों में शोध अभिवृत्ति को भी प्रोत्साहित करेगा। इन कार्यक्रमों को आयोजक महाविद्यालयों में स्थापित नवाचार कौशल विकास प्रकोष्ठ के द्वारा करवाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही राज्य स्तर पर इस योजना की क्रियान्वित की मॉनिटरिंग एवं कोआर्डिनेशन हेतु आयुक्तालय के नवाचार प्रकोष्ठ को प्रभारी बनाया गया है।
राजकीय महाविद्यालय कोटा के प्राचार्य डॉ. जयन्त विजयवर्गीय ने बताया कि इसके अंतर्गत बीकानेर कॉलेज, कला सीकर एवं कन्या महाविद्यालय द्वारा शार्ट टर्म प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाए गए। इन कार्यक्रमों के लाभार्थी शिक्षकों द्वारा दिये गये फीडबैक एवं शिक्षा गुणवत्ता सुधारने में इस कार्यक्रम की उपादेयता को देखते हुए इसे वृहद स्तर पर क्रियान्वित करवाने के लिए 11 जनवरी से 20 फरवरी 2021 तक 5 चरणों में कोटा सहित 23 राजकीय महाविद्यालयों को ज्ञान गंगा प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन का दायित्व दिया है। इन महाविद्यालय द्वारा कुल 46 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाए जाएंगे।