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मेनपावर सप्लाई के लिए निकाली गई निविदाओं में हुआ फर्जीवाडा

Kotatimes

Updated 5 years ago

KOTATIMES JULY 11,2020। कार्तिकेय एज्यूकेशन एण्ड ट्रेनिंग इस्टीट्यूट की अध्यक्ष मीना नामा निवासी ग्रांड होटल की गली रामपुरा कोटा ने बताया कि 10 अप्रेल 2020 को निविदाएं प्रकाशित की गई थी। 17 अप्रेल 2020 सुबह 9 बजे से 2 मई 2020 तक उसे ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता था। 6 मई 2020 दोपहर 3 बजे तक निविदा फार्म की अंतिम तिथि थी। 8 मई 2020 को सायं 4 बजे तक निविदाएं खोलनी थी, जिसे 22 जून 2020 तक फाइनल नहीं किया जा सकता। अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए बार-बार हमे परेशान किया गया और जिन दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं थी उन्हें भी अल्प समय में मंगवाया गया। उसके बाद भी हमारी फर्म ने सभी शर्ते व नियमों को पूरा किया। सभी मांगी गई आपत्तियों के जवाब लिखित में दिए गए उसके बाद भी कार्तिकेय एज्यूकेशन एण्ड ट्रेनिंग इस्टीट्यूट को निविदा प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया और कारण पूछने पर इतना ही कहा गया कि हम संतुष्ट नहीं हैं।

अनावश्यक जोड़ी शर्तों को भी किया पूरा
मीना नामा ने बताया कि निविदा शर्तो में जिन शर्तों को  पूरा करने के लिए कहा गया था उन शर्तों को पूरा करने के बाद भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने 21 मई 2020 को लेटर जारी कर तीन शर्ताें को ओर जोड़ दिया गया, साथ ही ये भी कहा गया की इन दस्तावेजों को तीन दिन में सम्मलित करों नहीं तो आपका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा। उसके दूसरे दिन ही 22 मई को सभी दस्तावेज सम्मलित कर दिए गए। नियम विरूद्ध जोडी गई शर्तों में तीन दिन में चरित्र प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना, निविदा प्रपत्र के पृष्ठ संख्या 11 की शर्तों में 82 के अनुसार राज सरकार गृह विभाग डीजीपी होम गार्ड एवं कंट्रोलिंग एथोरिटी जयपुर द्वारा जारी प्रमाण प्रत्र आवश्यकता अनुसार आपके द्वारा मांग लिया जाएगा।  उसके जवाब में हमने कहा कि जब भी मांगा जाएगा हमारे द्वारा उपलबध करा दिया जाएगा।  इसके साथ ही स्टाम्प मांगा गया जिसकी नोटेरी करानी थी, वह भी हमने कराकर दे दी। मीना नामा ने कहा कि हमने निविदाओं की सभी शर्तों को पूरा किया उसके बाद भी सीएचएचओ ने निविदाओं से बाहर कर दिया और कोई ठोस कारण भी नहीं बताया और कोई दस्तावेज भी ये कहते हुए नहीं हटाए की ये पूर्ण नहीं है। सभी दस्तावेज पूर्ण थे, लेकिन उसके बाद भी निविदा प्रक्रिया से बाहर कर दिया। जो राज्य सरकार के नियमों का उलंघन है। केवल अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए उन्होंने ये पूरा घटनाक्रम चलाया और सही होने के बाद भी निविदा से बाहर कर दिया। हमारी मांग है कि इस भ्रष्टाचार में जो भी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए और टेंडर को निरस्त कर फिर से कराया जाए। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर कोर्ट व एंटी करप्शन में जाएंगे और पूरे मामले के तथ्यों की जांच करवाएंगे।

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