KOTATIMES AUGUST 18, 2020। मुंबई अमृतसर स्वर्ण मंदिर मेल से मुंबई निवासी अनिल परमार (28) को ट्रेन में अवैध रूप से विदेशी बिल्लियों की तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इस यात्री के पास छह प्लास्टिक की टोकरियाँ थी जिसमे कई पालतू बिल्लियाँ थी।
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रेलवे द्वारा कोरोना काल में यात्रियों की जान से खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है। कोटा मंडल में मंगलवार को ट्रैन में अवैध रुप से पांच लाख 60 हजार रुपए मूल्य की 16 विदेशी बिल्लियां ले जाए जाने का मामला पकड़ा गया है।
मामले में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने आरोपी यात्री और एक कोच अटेडेंट को गिरफ्तार किया है। दोनों को बुधवार को कोटा रेलवे कोर्ट में पेश किया गया जहाँ मजिस्ट्रेट ने 22000 का जुर्माना लगा कर रिहा कर दिया।
यात्रियों ने बताया कि मुंबई-अमृतसर स्वर्ण मंदिर मेल (02903) के तृतीय श्रेणी के वातानुकूलित ई/5 कोच की सीट नंबर 39 पर मुंबई निवासी अनिल परमार (28) सफर कर रहा था। इस यात्री के पास छह प्लास्टिक की टोकरियां थीं। अनिल ने इन टोकरियों को कपड़े से ढक रखा था। इन टोकरियों से बदबू आ रही थी। बदबू से परेशान यात्रियों ने मामले की शिकायत रामगंजमंडी से ट्रेन में गश्त के लिए सवार हुए आरपीएफ जवानों से कर दी। जवानों ने अनिल से टोकरी में सामान के बारे में पूछा। इस पर अनिल हड़बड़ा गया। शक होने पर कपड़ा हटाकर देखा तो जवानों को प्लास्टिक की टोकरियों में कई पालतु बिल्लियां नजर आई। सभी बिल्लियां लगभव बेहोशी की हालत में थी। उठाने पर भी बिल्लियों में कोई हलचल नहीं हो रही थी।बिल्लियाँ आवाज नहीं करे इस कारण संभवत: बिल्लियों को बेहोशी की दवा दी गई थी।
अटेडेंट ने लिए 1500 रुपए
जवानों ने अनिल से बिल्लियां ले जाने के लिए टिकट और परमिशन की जानकारी मांगी। इस पर अनिल कुछ भी नहीं दिखा सका। बिना बुक किए बिल्लियां ले जाने कोच में गंदगी औन न्यू सेंस फैलाने के आरोप में आरपीएफ ने अनिल को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में अनिल ने बताया कि बिल्लियां ले जाने के लिए उसने ठेका कर्मचारी कोच अटेडेंट संदीप (39) को 1500 रुपए दिए हैं। पूछताछ में संदीप ने अनिल से 1500 रुपए लेना स्वीकार कर लिया। इस पर आरपीएफ ने संदीप को भी हिरासत में ले लिया।
कोटा में नहीं हुई कार्यवाही
इस कार्यवाही के दौरान कोटा आ गया। जवान बिल्लियों और दोनों आरोपियों को कोटा आरपीएफ पोस्ट पर ले गए। लेकिन यहां कोटा आरपीएफ पोस्ट ने मामले में कोई कार्यवाही करने से इनकार कर दिया। इसके बाद जवान एक बेलोरों कार में आरोपियों और बिल्लियों को रामगंजमंडी ले गए।
5.60 लाख है किमत
विशेषज्ञों ने बताया कि यह विदेशी मूल की परशियन ब्रिड़ की बिल्लयां हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन बिल्लियों की किमत करीब पांच लाख 60 हजार रुपए हैं। यह बिल्लियां 15 से 35 हजार रुपए तक में बिकती हैं।
मामले में वन विभाग ने कोई कार्यवाही करने से मना कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह जंगली बिल्लियां नहीं हैं। जंगली बिल्लियां होने पर भी विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है।
कोरोना में यात्रियों को खतरा
उल्लेखनीय है कि कोरोना काम में ऐसे बिना बुक कराए बिल्लियां जाने से यात्रियों की जान को खतरा है। बाहर नहीं निकलने के कारण बिल्लियां मल-मूत्र टोकरी में ही त्याग रही थीं। ऐसे में कोच में बदबू ही बदबू हो गई थी। यह स्थिति यात्रियों के लिए असहनिया हो रही थी। इससे यात्रियों के बीमार होने का भी खतरा था।
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
उल्लेखनीय है कि बिना बुक किए जानवरों को ले जाने के मामले कोटा मंडल में पहले भी आ चुके हैं। एक बार कोटा में बिना बुक किए तोतों को पकड़ा गया। बाद में इन तोतों को वन विभाग ने अपने कब्जे में लिया था। कोई दावेदार नहीं आने पर वन विभाग ने इन तोतों को छोड़ दिया था। एक बार बिना बुक कराए बकरा-बकरी ले जाने का भी मामला सामने आया था।
मामले में हो रही है कार्यवाही
ट्रेन में अवैध बिल्ली ले जाने का मामला सामने आया है। आरीपएफ द्वारा मामले में कार्यवाही की जा रही है। - अशोक त्यागी, सहायक मंडल सुरक्षा आयुक्त
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