KOTATIMES December 24, 2020। कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भेंट कर राज्य में स्कूल कोचिंग एवं कोटा में हवाई अड्डे को लेकर चल रही असमजंस की स्थिति को स्पष्ट करने का आग्रह किया।
राज्य में अभी तक इस दिशा में कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है जबकि देश के अन्य राज्यों में कोचिंग स्कूल शुरू हो चुके हैं हम केंद्र एवं राज्य सरकार से बार-बार राज्य में स्कूल एवं कोचिंग शुरू करने की मांग कर रहे हैं लेकिन केंद्र एवं राज्य सरकार के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
इन राज्यों में हाल ही में खुलगे स्कूल
झारखंड,मध्य प्रदेश,हरियाणा,कर्नाटक और बिहार
लाॅकडाउन के बाद से कोचिंग बंद हाेने से तीन हजार कराेड़ की काेचिंग इंडस्ट्रीज का ताना-बाना टूट गया : कोटा व्यापार महासंघ
राज्य सरकार अपनी गाइडलाइन बनाकर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है कोटा में हवाई सेवा को लेकर चल रहे प्रयासों में आ रहे अवरोध को दूर करने के लिए भी महांसघ के अध्यक्ष क्रांति जैन एवं महासचिव अशोक महेश्वरी ने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि कोटा में नये हवाई अड्डे को लेकर यहां के आमजन भारी आशावाद है और पूरी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि आने वाले कुछ ही समय में नए हवाई अड्डे का निर्माण शुरू होगा! लेकिन बार-बार केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के बीच सामंजस्य बनने में अवरोध पैदा हो जाता है।
कोटा कोचिंग व्यवसाय पर ही निर्भर है। कोटा में हवाई सेवा नहीं होने से औद्योगिक विकास व अन्य व्यवसायिक गतिविधियों में कोटा पिछडता जा रहा है कोई वृहद उद्योग पिछले 30 वर्षों में कोटा में नहीं आया जबकि उद्योग के लिए यहां इन्फ्रा स्ट्रेचर की कोई कमी नहीं है आने वाले समय में कोटा में पर्यटन की संभावनाएं बनती जा रही है जिससे कोटा शहर चहुमुखी विकास की ओर अग्रसर हो रहा है इसलिए कोटा में हवाई सेवा की महत्त आवश्यकता है वर्तमान में कोटा कोचिंग व्यवसाय पर ही निर्भर है कोटा ने 10 माह में कोरोना काल में कोचिंग लॉक डाउन के परिणाम देखे हैं एक ही क्षेत्र में निवेश ने कोटा की अर्थव्यवस्था को चरमरा दिया है अगर उद्योग एवं पर्यटन के दृष्टिकोण से कोटा संपन्न होता तो आज यह परिस्थितियां पैदा नहीं होती एवं लोगों के व्यवसाय एवं रोजगार पर इतने संकट के बादल नहीं मंडराते।
4 अक्टूबर का धारीवाल जी का स्टेटमेंट-
सभी चाहते हैं कि कोटा मे कोचिंग शुरू हो:-
कोटा में कोचिंग सेंटर को पुनः प्रारंभ करने के विषय पर यूडीएच मंत्री धारीवाल ने कहा कि सभी लोग चाहते हैं कि कोटा में कोचिंग शुरु हो। इसके लिए अगर कोटा के प्रतिनिधि आकर जयपुर में वार्ता करने चाहते हैं तो वे मुख्यमंत्री से मुलाकात करा देंगे। वैसे मुख्यमंत्री अभी किसी से मुलाकात नहीं कर रहे हैं ऐसी स्थिति में वह शासन सचिव से इस विषय पर वार्ता करवा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सभी लोग चाहते हैं कि कोटा में कोचिंग शुरू हो। लेकिन हमने वह दौर भी देखा है जब यहां पर हजारों बच्चे का कोरोना काल में फंस गए थे। इन बच्चों को घरों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने कड़ी मेहनत की थी। कोरोना फैला हुआ है ऐसी स्थिति में गाइडलाइन बनाकर ही कार्य किया जा सकता है।
राजस्थान की सरकारों का कोटा के साथ सौतेला व्यव्हार" - अपने दम पे पूरी दुनिया में पहचान बनाने वाले शहर और यहाँ के निवासियों के साथ पिछले 25 सालो से धोखा करती सभी राज्य सरकारे- (भाजपा और कांग्रेस)
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पहला साक्ष्य:विऔद्योगीकरण
एक सुनियोजित तरीके से कोटा के 30 साल से कोटा शहर के औद्योगिक विकास पे विराम लगा के विऔद्योगीकरण की प्रक्रिया शुरू की गयी।
एक शहर जहाँ पे उद्योगों के लिए जरूरी पानी, बिजली और बड़े शहरों से कनेक्टिविटी की सारी सुविधाएं उपलब्ध हो वहां पे औद्योगिक विकास न हो इसका सवाल ही पैदा नहीं होता- फिर भी कोटा में औद्योगीकरण नहीं हुआ - कौन इसके लिए जिम्मेदार
दूसरा साक्ष्य: एयरपोर्ट का सपना
पिछले 20 सालो से एयरपोर्ट का सपना कोटा के लोगो को दिखाना और इस को मुद्दा बना के चुनाव जीतना यहाँ के नेताओ का तरीका बन गया है। एयरपोर्ट न होने की वजह से कोटा को जो नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई नहीं की जा सकती।
पिछली सरकार ने हो हद कर दी जब कोटा की जगह झालावाड़ में एयरपोर्ट का प्लान बना के पूरा भी कर दिया।
आज भी कोटा के सरे जनप्रतिनिधियों के सरकारों में उच्च पदों पे बैठने के बावजूद भी किशनगढ़ और बीकानेर जैसी जगहों पर civil airport का होना और कोटा का इस सुविधा से वंचित रहना, कोटा के लिए बड़े ही शर्म की बात है।
एयरपोर्ट न होने की वहज से बड़े उद्योग, iit, पर्यटन और न जाने कितने ही विकसमार्गो से कोटा को दूर रखा है इन नेताओ ने ये सबको पता है।
तीसरा साक्ष्य: IIT का जाना
ये कोटा के लिए सबसे आश्चर्य की बात थी, की सबसे बड़ी दावेदारी होने का बावजूद भी पिछली गहलोत सरकार में खुद गेहलोत जी ने अपने राजनितिक कद का गलत इस्तेमाल कर के कोटा को इतना बड़ा धोखा दिया और iit को अपने निर्वाचन क्षेत्र में ले गए जहाँ पहले से ही AIIMS आ चूका था।
चौथा साक्ष्य: मुकुंदरा के विकास में ढीलापन
मुकुंदरा, जो की कोटा के पर्यटन विकास के लिए एक मील का पत्थर था उसके प्रति ढिलाई बरतना और बाघों की मौत असमय मौत होना -
पांचवा साक्ष्य: कोचिंग हब को जयपुर में बनाना
कोटा से दगा कर के कोचिंग हब को जयपुर में बनाना, ये जानते हुए भी की कोचिंग कोटा की लाइफलाइन है कोटावासियों ने मेहनत से अपने लिए बनाया गया पूरा साम्राज्य है जिसमे आजतक किसी भी सरकार और राजनेता का कोई योगदान नहीं है।
आज अगर ये हब कोटा में बनता तो कोटा की विहार को पर लग जाते-
किसी शहर का विकास -वहां के नागरिकों का सौभाग्य होता है-परंतु किसी दूसरे शहर का हक छीनकर नहीं..
एक देश की इससे बड़ी विडम्बना क्या हो सकती है जहाँ एक शिक्षक चोरी छुपे बच्चो को पढाने जाता है और राजनेता खुले आम रैलियां करते है-
कोटा के निवासियों की आवाज- SAVE KOTA CAMPAIGN -
राज्य में कोटा शहर में कोचिंग संस्थान बंद होने के लिए राज्य सरकार दोषी है,कोचिंग संस्थान रिश्वत का शिकार हो रही है और जैसे ही रिश्वत पहुचेगी कोचिंग संस्थान शुरू हो जायेंगे - कुलदीप
कोचिंग संस्थान राजनीती का शिकार हो रहे है जिसके कारण काफी लोगो बेरोजगार हो चुके है - सूर्य प्रताप सिंह, डॉ संतोष गुप्ता, सियाराम सैनी, नन्द किशोर गुर्जर
कोटा में कोचिंग संस्थानो को सरकार जल्द से जल्द शुरू करे जिससे कोटा की अर्थवयवस्था पटरी पर आ सके - पवन सेवानी
कोटा में कोचिंग संस्थानो के बंद होने के लिए सरकार जिम्मेदार है - महेंद्र
The general public of Kota has become very unemployed due to the closure of coaching in Kota. Mess workers and hostel operators and our laundry work is also not going on, due to which the economic situation has also deteriorated and the economic condition of the kota is very bad-Kamlesh Pankaj
हम घर में चार मेम्बर है जिसमें शिक्षा स्कूल ओर कोचिंग में तीन काम करते है अभी एक मेम्बर कमा रहा है-बाक़ी सब फ़्री है। नए साल के बाद भी कोचिंग संस्थान अगर नही खुलगी तो मर जाएँगे - अनिल शृंगी
राजनीतिक कारणों से कोचिंग खुलने की इजाजत नही दी जा रही है ऐसा इस वजह से भी हो सकता है कि जयपुर में जो नया हब बन रहा है उसको चमकाना है। उद्योगपतिओं और राजनेताओं का यह गुपचुप सांठगांठ का नतीजा है जो आम जन को भुगतना है-आलोक
अभी तक कई छोटे व्यापारी बेरोजगार हो चुके हैं इनकी संख्या लगभग लाखों में है। हॉस्टल, मेस, टिफिन सेंटर व कई छोटे कोचिंग संस्थान बंद होने के कारण उसमे कार्यरत शिक्षक व अन्य कर्मचारी जैसे ड्राइवर, सफाई कर्मचारी आदि। सरकार इस पर जल्द फैसला लेना चाहिए जिससे सबको पुनः रोजगार की प्राप्ति हो- सिद्दार्थ योगी
रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर ने कहा कि केंद्र सरकार ने 30 सितंबर को जारी मार्गदर्शन में स्पष्ट कहा था की 15 अक्टूबर के बाद राज्य स्थानीय स्तर पर हालात की समीक्षा करते हुए स्कूल व कोचिंग संस्थान प्रारंभ करने की कार्रवाई कर सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकारों को केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एसओपी के आधार पर अपनी एसओपी जारी करनी होगी। केंद्र सरकार ने 5 अक्टूबर को यह एसओपी भी जारी कर दी। फिर भी राज्य सरकार इस दिशा में आगे नहीं बढ़ रही है। उल्टा केंद्र सरकार पर दोष मढ़कर भ्रम फैलाने का काम कर रही है।
कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने सवाल किया कि जब केंद्र सरकार की ओर से 5 अक्टूबर को जारी की गई एसओपी के आधार पर उत्तर प्रदेश, असम, जम्मू कश्मीर सहित अन्य राज्यों में कोचिंग संस्थान प्रारम्भ हो चुके हैं तो राजस्थान सरकार अलग से आदेश आने की बात क्यों कर रही है। यदि राज्य सरकार इस बारे में केंद्र सरकार के मार्गदर्शन के बिना आगे बढ़ने को तैयार नहीं है तो तुरंत एक पत्र लिखे। भाजपा के विधायक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह कर तत्काल केंद्र सरकार से मार्गदर्शन जारी करवा देंगे।
लाडपुरा विधायक कल्पना देवी ने कहा कि कोचिंग संस्थान प्रारंभ नहीं होना कोटा शहर के विकास के साथ यहां के लोगों तथा छात्रों के हित में नहीं है। कोटा के ही कोचिंग संस्थानों की अन्य राज्यों में स्थित शाखाओं में शैक्षणिक गतिविधियां प्रारंभ हो चुकी है और यहां पर राज्य सरकार के अड़ंगे के कारण सभी हितधारक प्रभावित हो रहे हैं। राज्य सरकार जल्द से जल्द कोटा में कोचिंग संस्थान प्रारंभ करने के निर्देश जारी करे।.