KOTATIMES AUGUST 8, 2020। सेना भर्ती कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार अजमेर, बारां, बूंदी, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, झालावाड़, कोटा और राजसमंद जिले के पात्र अभ्यर्थियों के लिए सैनिक (सामान्य ड्यूटी), सैनिक (टेक्निकल), सैनिक (लिपिक, एस.के.टी., इनवेटरी मैनेजमेंट) और सैनिक ट्रेडस्मैन (10 वीं व 8 वीं) पदों के लिए सेना भर्ती रैली की अधिसूचना भारतीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट पर 18 जुलाई 2020 को डाली गई है। अभ्यर्थी रैली अधिसूचना को ध्यान में रखकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। ऑनलाइन पंजीकरण में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है।
यह भर्ती 8 अगस्त से
इसी प्रकार अजमेर, बारां, बूंदी, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, झालावाड़, कोटा और राजसमंद जिले के पात्र अभ्यर्थियों के लिए सैनिक सिपाही फार्मा और सैनिक तकनीकी एन ए (एएमसी) व एन ए (पशु चिकित्सा) पदों के लिए सेना भर्ती रैली की अधिसूचना भारतीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट पर 8 अगस्त 2020 को डाली गई है। अभ्यर्थी रैली अधिसूचना को ध्यान में रखकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
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महिला सेना पुलिस के लिए ऑनलाइन आवेदन 31 अगस्त तक
सैनिक (सामान्य ड्यूटी) महिला सेना पुलिस के लिए सेना भर्ती रैली की अधिसूचना भारतीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट पर 27 जुलाई को डाली गई है। अभ्यर्थी रैली अधिसूचना को ध्यान में रखकर अपनी पंजीकरण करा सकते हैं।
कौशल और तकनीक को अपडेट करना होगा
वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय और कामर्स कालेज प्रोफेसर्स स्कोलरी क्लब के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को भारत में कोरोना का रोजगार एवं आय की गुणवत्ता पर प्रभाव विषय पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में खुला विवि के कुलपति प्रो आरएल गोदारा ने कहा कि कोरोना संकट में देश का आर्थिक ढांचा चरमरा गया है, रोजगार घटते जा रहे हैं और आर्थिक विकास की गति मंद पड़ गई है।
उन्होंने कहा कि हमें फिर से सक्रिय होना पड़ेगा, तकनीक और कौशल विकास को गति देनी पड़ेगी तथा श्रम के लिए रोजगार बाजार बनाने होंगे। प्रो गोदारा ने कहा कि कौशल और तकनीक को अपडेट करने से अर्थव्यवस्था में काफी सुधार ला सकते हैं। अर्थशास्त्री प्रो गोपाल सिंह ने कहा कि आज स्थितियां पलट गई हैं और लोगों का मूवमेंट शहरों से गांवों की ओर हो गया है ऐसे में मंदी, महामारी और बेरोजगारी सहन कर रहे लोगों के लिए सरकार को विकेन्द्रीकृत तरीके अपनाकर रोजगार प्रदान करना होगा। उन्होंने कहा कि तकनीक के हावी होने से भविष्य में अराजकता की स्थिति आ सकती है और इससे निपटना बड़ी चुनौती होगा।लघु उद्योग काउंसिल कोटा के अध्यक्ष व मुख्य वक्ता डा एल.सी. बाहेती ने कहा कि पैकेज देने से काम नहीं चलेगा, रोजगार इंडस्ट्री को ब्याजमुक्त लोन देने से हलचल पैदा की जा सकती है।
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December 4, 2017 at 3:12 pm
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