
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघिन एमटी 2 की मौत
Kotatimes
Updated 5 years ago

KOTATIMES AUGUST 3, 2020। राजस्थान के कोटा और झालावाड़ जिले के बीच स्थित मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व सोमवार को एक बाघिन की मौत हो गई। वन विभाग के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है। सूचना के बाद वह मौके पर पहुंच गए हैं और मौत के कारण जानने का प्रयास कर रहे हैं।बाघिन के शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। बाघिन एमटी-2 ने हाल ही में दो शावकों को जन्म दिया था। बाघिन की मौत कैसे हुई इस बारे में फिलहाल विशेष जानकारी सामने नहीं आई है। यह बाघिन 82 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में एमटी-1 के साथ रह रही थी। इसे दिसंबर 2018 में रणथंभौर से लाया गया था।
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में महज 10 दिन के भीतर दो बाघों की मौत हो चुकी है। 23 जुलाई को बाघ-एमटी-3 की मौत हो गई थी। इसकी मौत फैफड़ों में संक्रमण के कारण हुई थी व फैफड़ों में मवाद भी पड़ा हुआ था। अभी वास्तविक कारणों का पता नहीं चला है। यह बाघ टाइगर रिजर्व के 82 वर्ग किलोमीटर के बाहर जंगल के खुले भाग में विचरण कर रहा था। महज 10 दिनों के अंतराल में मौत की दूसरी घटना से वन विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। बाघ की मौत पर भी वन्यजीव प्रेमियों ने विभाग की कार्यशैली पर प्रश्न उठाए थे, इसके बावजूद विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। मुकुंदरा नया टाइगर रिजर्व है। इस तरह दो मौतों से टाइगर संरक्षण के प्रयासों पर सवाल खड़े हो गए हैं। ऐसे सवाल उठना स्वभाविक हैं, क्योंकि बाघ वाले वन, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
बाघ स्वस्थ पर्यावरण का प्रतीक माना जाता है, लेकिन मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में अल्प अवधि में एक बाघ और एक बाघिन की मौत से बाघों पर मंडराते खतरे की आशंका को बढ़ा रहे हैं। भारत ने अपने लक्ष्य से चार वर्ष पूर्व ही बाघों की संख्या दोगुनी करने वाले अपने संकल्प को पूरा कर लिया है।
नवीनतम गणना के अनुसार, देश में बाघों की अनुमानित संख्या 2,967 है। इस संख्या के साथ, भारत में बाघ वैश्विक संख्या का लगभग 75 प्रशित निवास करते हैं और भारत द्वारा 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग में बाघों की संख्या दोगुनी करने वाले अपने संकल्प को निर्धारित लक्ष्य वर्ष 2022 से बहुत पहले ही प्राप्त किया जा चुका है।
मुकुन्दरा में बाघिन की मौत दुखद- धारीवाल
कोटा के मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व एरिया में बाघिन एमटी 2 मौत मामले की जांच करवाने एंव लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई के लिए वन मंत्री सुखराम विश्नोई से बात की है। मंत्री धारीवाल ने बताया है कि जैसे ही बाघिन की मौत की खबर मिली तो बड़ा दुख हुआ क्यौंकि मुकुन्दरा टाइगर रिजर्व को विकसित करने के लिए प्रदेश में कोई भी सरकार रही हो अपने अपने स्तर पर सरकारों ने भरपूर कौशिश की है। मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व पयर्टन का बडा केन्द्र बने इसके लिए समय समय पर गंभीरता के साथ प्रयास किए गए है लेकिन महज 11 दिनो में एक जोडी बाघ बाघिन की मौत हो जाना गंभीर चिंता का विषय है। सूचना मिलते ही मेने वन मंत्री से बात की और वन मंत्री ने भी बाघिन की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच करवाने और बाघों के सरंक्षण में कोई कोताही सामने आने पर कडी कार्रवाई करने को कहा है। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा है कांग्रेस सरकार के वक्त ही इसको नेशनल पार्क का दर्जा मिला था हालांकि बाद मे भाजपा की सरकार के आने के बाद इसके नाम में परिवर्तन कर दिया गया लेकिन कांग्रेस सरकार फिर भी हाडौती में टूरिज्म को बढावा देने ओर वन्यजीवों के सरंक्षण को लेकर प्रयासों में कोई कमी नही छोडी ।
मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में टाइगर एमटी-3 की मौत
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