
JEE Advanced Result 2020: कोटा के कोचिंग संस्थान का फिर से बजा डंका-कोटा के वैभव राज ने AIR 3 हासिल की
Kotatimes
Updated 5 years ago

जेईई एडवांस में ऑल इंडिया 3 रैंक प्राप्त करने वाले बेगुसराय बिहार के वैभव राज ने बताया कि एडवांस की काफी अच्छी तैयारी थी इसलिए मैं सफलता को लेकर पूरी तरह आश्वस्त था। 2018 में आईआईटी में प्रवेश का सपना लेकर कोटा आया और ऐलन में एडमिशन लिया।
मां के साथ यहां रहा, उन्होंने मेरा पूरा साथ दिया। 10वीं कक्षा 98 प्रतिशत एवं 12वीं कक्षा 99 प्रतिशत अंकों से पास की है। एनटीएसई स्कॉलर हूं और जेईई मेन्स में ऑल इंडिया 45वीं रैंक थी।
इसके अलावा फिजिक्स, कैमिस्ट्री, मैथ एवं एस्ट्रोनोमी ओलंपियाड में कैम्प के लिए चयनित हो चुका हूं।
वैभव राज ने बताया कि पिता सुनील कुमार रॉय रक्षा मंत्रालय में गुणता आश्वासन महानिदेशालय (डायरेक्टर जनरल ऑफ क्वालिटी एश्योरेंस) में सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर हैं। मां सुधा रॉय गृहिणी हैं तथा बड़ा भाई विशाल राज आईआईटी खड़गपुर में पढ़ रहा है। कोटा आने के बाद मुझमें काफी बदलाव आए जोकि मेरे लिए अच्छे साबित हुए। सबसे मुख्य तो आत्मविश्वास मजबूत हुआ। कोटा आने से पहले मुझे केमेस्ट्री से डर लगता था लेकिन अब वहीं मेरा फेवरेट सब्जेक्ट है। मैंने स्ट्रेटेजी बनाकर जेईई की तैयारी की थी। सारे चैप्टर की लिस्ट बनाकर इम्पॉर्टेंट टॉपिक्स को बाहर निकाला, फिर शेड्यूल बनाकर समझा।
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खुद के स्टार्टअप का सपना
लॉकडाउन से यह फायदा हुआ कि एक बार फिर से सिलेबस को रिवीजन करने का मौका मिल गया। दूसरे चरण के लॉकडाउन और परीक्षा लगातार आगे खिसकने से थोड़ा परेशान हुआ लेकिन ऐलन की फैकल्टीज ने मोटिवेट किया। मैंने एक बार फिर लॉकडाउन में एक-एक टॉपिक का गहराई से रिवीजन किया। आईआईटी मुम्बई की सीएस ब्रांच से बीटेक करने के बाद खुद का स्टार्ट-अप खोलने का सपना है।
लॉकडाउन में डबल मेहनत की- कनिष्का मित्तल (17वीं रैंक)
उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद निवासी एवं कोटा से ऐलन कॅरियर इंस्टीट्यूट की क्लासरूम स्टूडेंट कनिष्का मित्तल ने जेईई एडवांस में ऑल इंडिया 17 रैंक प्राप्त की है। साथ ही गर्ल्स टॉपर में भी कनिष्का ने बाजी मारी है।
कनिष्का ने बताया कि मैं पिछले करीब दो साल से कोटा में रहकर पढ़ाई कर रही हूं। मेरा बड़ा भाई बीटेक कर रहा है। उसको देखकर ही मैं इंस्पायर हुई और आईआईटी जाने का सपना लेकर कोटा आई थी।
जेईई की तैयारी के लिए एलन में एडमिशन लेना मेरे लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। क्योंकि कोटा में स्टूडेंट को सलेक्शन के लिए ही नहीं बल्कि उसे टाॅपर बनाने के लिए मेहनत की जाती है। यहां वो सारे संसाधन उपलब्ध कराए जाते हें, जो एक स्टूडेंट को डाॅक्टर-इंजीनियर बनने के लिए चाहिए। मैंने कभी भी खुद को दूसरों से कम्पेयर नहीं किया। मेरा मुकाबला खुद से था। इसलिए हमेशा अपना बेस्ट देने की कोशिश करती थी।
कनिष्का ने बताया कि मुझे खुद पर विश्वास था कि मैं कर सकती हूं। जो पढ़ाया गया, उस पर फोकस किया। रेगुलर होमवर्क करती थी। सवालों की ज्यादा से ज्यादा प्रेक्टिस की। क्योंकि जेईई का पेपर हर बार नयापन लिए होता है। कहीं से भी, किसी भी टॉपिक से प्रश्न आ सकता है। कोटा आने से पहले मैरा फिजिक्स वीक थी। यहां फिजिक्स को इतने अच्छे से पढ़ाया जाता है कि अब मेरी फिजिक्स सबसे ज्यादा स्ट्रॉन्ग है। मैंने 12वीं कक्षा 98.4 प्रशित एवं 10वीं कक्षा 99 प्रतिशत अंको से पास की है। जेईई मेन के बाद एडवांस्ड की तैयारी थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से परीक्षा आगे खिसक गई। मैंने इस टाइम का पूरा फायदा उठाया। तीनों विषयों के वीक प्वाइंट्स पर मेहनत कर उन्हें मजबूत किया। ज्यादा से ज्यादा डाउट्स बाहर निकालकर उन्हें फैकल्टीज की मदद से सॉल्व किया। लॉकडाउन की वजह से ही शायद मैंने यह रैंक प्राप्त की है। पिता अनुज कुमार मित्तल फोटो स्टेट की दुकान चलाते हैं। मां सुचिता मित्तल गृहिणी है। कोटा में पढ़ाई के दौरान मम्मी-पापा दोनों का सपोर्ट मुझे मिला। दोनों मुरादाबाद से मेरे संपर्क में रहते थे।